Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
सैन्य लक्ष्य के तहत पीएम मोदी ने कहा था कि 'मिट्टी में मिला देंगे' और फिर बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद में जैश और लश्कर के आतंकी कैंपों को मिट्टी में मिला दिया।
'ऑपरेशन सिंदूर' से भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। कई आतंकी ठिकानों पर हमले करके 100 से ज्यादा आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन से भारत ने तीन बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं, जिसमें सैन्य, राजनैतिक और मनोवैज्ञानिक लक्ष्य शामिल हैं। सैन्य लक्ष्य के तहत पीएम मोदी ने कहा था कि 'मिट्टी में मिला देंगे' और फिर बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद में जैश और लश्कर के आतंकी कैंपों को मिट्टी में मिला दिया।
सरकार के सूत्रों के अनुसार, इसी तरह ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने जो दूसरा लक्ष्य हासिल किया है, वह राजनैतिक है। सिंधु जल संधि सीमा पार आतंकवाद से जुड़ी है। जब तक सीमा पार से आतंकवाद बंद नहीं हो जाता, तब तक यह स्थगित रहेगी। वहीं, तीसरा लक्ष्य मनोवैज्ञानिक है, जोकि 'घुस के मारेंगे' है और इसके तहत भारत ने पाकिस्तान के दिल में गहरी चोट पहुंचाई है। भारतीय सेना का ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा है।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से करीबी संबंध रखने वाले मुरीदके, बहावलपुर के आतंकी शिविरों पर हमला करके भारत ने जो संदेश दिया है, वह यह है कि हमने अपनी निगाह नहीं खोई है और हम आपको मुख्यालय पर ही निशाना बनाएंगे। हम छोटे शिविरों पर हमला नहीं करेंगे। भारत ने दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि हम पीड़ितों और अपराधियों को एक समान नहीं मान सकते।
पिछले कई दिनों तक जारी रहे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में यह भी पता चल गया कि दोनों देशों के तकनीकी और सैन्य उपयोग के बीच कितना बड़ा अंतर है। पाकिस्तान को भी अहसास हो गया कि वह भारत से नहीं लड़ सकता, क्योंकि न तो उसके पास इतनी ताकतवर तकनीक है और न ही सैन्य शक्ति। भारत ने अपनी मर्जी से हमला किया और पाकिस्तान के ज्यादातर हमलों को भी नाकाम कर दिया।
इसके अलावा, कश्मीर पर भी भारत ने साफ किया है कि उसे किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। सरकार के सूत्रों ने कहा कि कश्मीर पर भारत की स्थिति बहुत स्पष्ट है। अब केवल एक ही मुद्दा बचा है- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी। इसके अलावा और कोई बात नहीं है। अगर वे आतंकवादियों को सौंपने की बात करते हैं, तो हम बात कर सकते हैं। हमारा किसी और विषय पर कोई इरादा नहीं है। हम नहीं चाहते कि कोई मध्यस्थता करे। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।